Daily Archives: August 26, 2015

tss hindi poetry मेरे ख़याल

बोझिल शामें, ऊंघती रातें, ख्वाहिशें बरसतीं हैं आहत आँखों की साज़िश से साँसें बहकतीं हैं कतरा-कतरा होकर मेरी आवाज़ बिखरती है, मुझसे ही होकर रात, हर रात गुज़रती है, फ़िर…

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