Daily Archives: October 6, 2015

tss hindi poetry मेरे ख़याल

कल्पनाओं के पाँखी उड़ गए संभावनाओं के पंख पसार बंजर मन की परती में अंकुरने से भावनाओं ने किया इन्कार ! यथार्थ की दुपहरी, बिखेर गयी धूप कर्कश जेठ सी…

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