Daily Archives: April 21, 2016

तमाम रात

सुबह के इंतज़ार में, गुज़री तमाम रात आँखों-ही-आँखो में यूँ कटी तमाम रात दर-ओ-दीवार कुछ यूं, रौशन थे कल मेरे शमा की तरह खुद मैं, जली तमाम रात महफ़िल में …

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