क्या हासिल ?: Ghazal
वक़्त के साथ बदल जाए, उस बात से क्या हासिल आँखों-ही-आँखों में कट गई रात से क्या हासिल बुन गए बड़ी नफ़ासत से लफ़्ज़ों के जो ताने -बाने उन झूठे…
वक़्त के साथ बदल जाए, उस बात से क्या हासिल आँखों-ही-आँखों में कट गई रात से क्या हासिल बुन गए बड़ी नफ़ासत से लफ़्ज़ों के जो ताने -बाने उन झूठे…