सितारों के बीच तुम कहीं तो हो…
मन स्याह अमावस मेरा फीके सभी तारे, उजाले ले गयी हो तुम पीछे हैं अँधेरे | दिए जलाके आँखों के बाती सी मैं जली, याद आ रही न जाने क्यों…
वो लड़की महकी महकी सी: Happy Birthday, Sunshine
It’s August, the 1st, and I wish you Happy Birthday with verses as effervescent as you… ??? रुख हवाओं का वो एक पल मोड़ देचाहे तो पानी से पत्थर तोड़…
ग्रीष्म गर्जना : ऋतुरंग कविता
ग्रीष्म गर्जना कोयल कूकी अमराई मेंगा रही मारवा राग,सूरज बन बैठा अग्निकुंडबरसाता है बस आग ! हो रहा गगन में अश्वमेघहै रश्मिरथी इस पार,सातो घोडों पर हो सवारचल पड़ा क्षितिज…
वो एक खुली खिड़की
खिड़की वो एक खुली खिड़की,मेरे बचपन वाले घर की,आते जाते हर रहगिर की करती थी नुक्ताचीनी ! इतनी सी थी, दो तारों केबीच के फासले जितनी,जिससे होकर कूद आतीमेरे कमरे…
चलो, एक दिया जलाएं…
रूठा है चाँद, आज क्यों ना उसको मनाएँकाफ़ी नहीं तारे, चलो एक दीया जलाएँ ‘मेहमां हो घड़ी भर के, ऐ घनघोर अंधेरों’सबक ये अमावस को क्यों ना आज सिखाएँ…
दिन कागज़, रातें स्याही…
Din kaagaz, raatein syahi: A Hindi poem which portrays the dreams of a night rambler who is euphoric towards nature and nostalgic about good old memories…. memories, sweet and sour….a…
सावन और संगीत: ऋतुरंग कविता
सावन की प्रथम फुहारों संगजब गूँजी फिर स्वर-लहरीघन के उदात्त परों में छिपहुई मय सी स्याह दुपहरी श्रावण ऋतु भयी ऐसी बैरनमैं * गाऊँ कैसे कजरी ?आँखों में घन…
Main Tujhe Fir Milungi…
टूटे सपने मेरे, तेरे नभ में झिलमिलते हैं,गीतों में ना मिल सकें, चलो किस्सों में मिलते हैं … “If we couldn’t create the verses of yearnings, let’s begin the tales…
Rang to tere hain Kanha…
नैनों की सजाई पाती कोरी अश्रु मोतियों संग झीनी चूनर थी, रंग डाली तन फिर भी बेरंग | निष्पाप गुलाबी काया मेरी जल भई रंग जैतूनी, भर-भर कर जल बरसे…
Naam Mera Jal Ki Dhara…
I am no achiever. I don’t fit in the paradigm of thriving, buoyant women achievers we all are proud of. I too, am proud of them though not one. But,…
विस्मृतियाँ…
पर्वत के ह्रदय को भेद के ही हर नदी की धारा बहती है, और हरी कोंपलें पतझड़ के जाने की कहानी कहती हैं, पाषाण हों जितने सख्त मगर, यह धरा तो…
Dark Diwali
Mitranya cried last night. She was getting ready for her wedding. She wept profusely for the seventh time and the dark sky celebrated her wedding night with extra sparkles scattered…
कुछ किस्से… Forlorn Tales
कुछ किस्से हैं, कुछ बातें हैंकुछ सांझी सी सौगातें हैंआँखों-ही-आँखों में कट गयींकुछ अंतहीन सी रातें हैं | ढीले – ढीले से, बिगड़े सेकुछ रूठे – रूठे नग़मे …
मन ये ऐसे भर गया…La Réparation
मन ये ऐसे भर गया…La Réparation—the contentment, the solatium of a scarred soul… Contentment isn’t always about getting all what we aspire, or of the fulfillment of all our desires.…
बरसात : #MumbaiRains
चलो इन बूँदों से कह दो कि थम जाएँ घड़ी भर को, सुरीली शाम वो आये गगन के तारे मुस्काएँ, तुम फिर आना, बरस जाना वो भूली रस्में…
वह क्षण (That Moment)
वह क्षण अक्षुण था, चिर अनंत आरम्भ न था, न कोई अंत जागृत रात्रि के शोर सा वह सूर्य था गोधूलि का रश्मिरथी से वह परिचित मेरे जीवन का सार…
राग (Raag)
तुम एक बूँद नेह सिंचित हर ओर तमस, पर आलोकित, मै उर्वर धरा, विरक्त हुई तुम मेघ प्रगाढ़, गर्जित-वर्षित ! मैं क्षण-भंगुर, तुम नित्य-नित्य जब आपबीती संग गूढ़-सत्य, कहते-सुनते…
प्रश्नचिन्ह?
झर-झर नयनों से नीर बहे… जब दिवास्वप्न सब होम हुए उर में बस विरह के राग रचे अवशेष छुपा कर आँचल में मुख मलिन, कहाँ श्रृंगार सजे? झर-झर नयनों…