धुरी और परिपथ
पृथ्वी का घूमना अपनी धुरी पर या फिर एक निश्चित परिपथ में परिक्रमा सूर्य की, — विज्ञान के इस सत्य को जीने की नियति है मेरी भी निरंतर…. अपनी अस्मिता की तलाश में आत्मकेन्द्रित होकर स्वयं की धुरी पर घूमना और कर्तव्यों की आकाशगंगा में नियति द्वारा तय एक अज्ञात, अबूझ परिपथ पर एक नियोजित सूर्य की यंत्रवत परिक्रमा सूर्य के प्रचंड और उद्विग्न ताप में झुलसने की विवशता तथा धुरी और परिपथ की दोहरी दौड़ में अपने आंसुओं तक को स्वेदग्रंथियों की राह बहा देने की त्रासदी शायद नियति की इस विडम्बना को झेलने का कारण है मेरा पृथ्वी के सामान वृत्ताकार भूगोल | — संगीता