कवयित्री या शायरा: सारंग, एक नयी काव्य विधा
सारंग: एक नयी काव्य विधा कवयित्री कहकर पुकार लो या कह लो मुझको शायरासीमा *से परे *हैं स्वप्न मेरे ख़्वाबों का ना कोई दायरा हैं शब्द…
नवरात्रि के नवरंग
नवरात्रि के नवरंग : नवरात्रि, अर्थात निर्माण, पोषण और अंततः विजय और विनाश का उत्सव ! रंग का उत्सव, राग का उत्सव, प्रेम और अनुराग का उत्सव ! पर, इन…
आज भी हिंदी.
समय की भीत पर अंकित सुनहरी रीत थी हिंदीरहीम और तुलसी ने गाया, मधुर वो गीत थी हिंदीकई नदियों के संगम से महानद जो हुई उद्भुतवो तत्सम, तद्भव की देशज-विदेशज…
अलविदा वीरांगना ..!
अलविदा वीरांगना ! नाम : Bambi Mishraजन्म : 10 मार्च, 2011महाप्रयाण: 26 अक्टूबर, 2021उम्र : …
अब भी बाक़ी है : एक ग़ज़ल
उम्मीद अब भी बाकी है … मेरी, वो चाँद- तारों की ख़रीद, अब भी बाक़ी है कि, आँखों में शफ़क़ की एक दीद अब भी बाक़ी है सियाह रातों…
काली सड़क पर…
उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…
राग मल्हार..?? : A Deibhidhe Poem in Hindi
Deibhidhes is an approximation of the Irish Gaelic poetry form. The actual form needs quatrains made up of lines of only seven syllables each where the last stressed syllable of the first line rhymes with the last unstressed syllable of the second line , and the same pattern to be repeated in the third and fourth lines , with the additional requirement of two alliterative rhyming words in the middle of the third and fourth lines. No restriction on total length of the poem. It’s a Hindi version of Irish Gaelic Deibhidhe Poem.
कैसे गाऊँ गीत सुरीले ?
कैसे गाऊँ गीत सुरीले..? सब कहते हैं मन बहला लो कविता रच डालो, कुछ गा लो, पर, सुर फीके, शब्द हैं गीले कैसे गाऊँ गीत सुरीले…? * जब असंख्य नैनों…
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ..
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ.. स्त्री है वो ! स्वयं में शक्ति ! उसे किसी की आवश्यकता नहीं । आज उसकी अवहेलना कर भी दी तो…
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे…
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. प्रश्न लिए अस्तित्व का जोछोड़ आए घर-चौबारे,पहुँचा वो आंदोलन अबमंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे | जिन कन्धों पर हल थे…
ANHAD NAAD (अनहद-नाद): The Primordial Sound
ANHAD NAAD अनहद-नाद ANHAD NAAD नभ में उड़ते बादल जो नीले से दिखते हैंया सागर में अनगिन नीली लहरें उठती हैंनीलापन भ्रम, ज्यों मरुछाया जल विहीन हैनीलवर्ण बस गगन, शेष सब…
Hindi Poetry, Down the Memory Lane
Hindi Poetry Is Not Dead कल जो अलफ़ाज़ समेटे थे, कुछ पुराने से,आज अख़बारों की रद्दी में वही गुम से हैं ! चंद लफ़्ज़ों में हम जो ख़्वाब बुना करते…
New Year: The Commotion of Celebration
What’s NEW about a new year? Isn’t it merely a completion of the earth’s gyration in its orbital? How is the 1st of January different from the day before or…
#FarmersProtest : ‘जय किसान’ VS ‘नमो-नमः’
#FarmersProtest …for some, it’s breaking news and for some, a trending hashtag on social media. However, there are some for whom it’s a regular mayhem caused by some trivial mortals…
ऐ गुलाब !… A Roseate Sonnet in Urdu/Hindi
ऐ गुलाब (O, Rose )… A Roseate Sonnet written in Urdu/ Hindi and translated into English, a classic sonnet which is fashioned into Persian ‘Rubaiyat or Rubaiyaan‘! To know about both…
गुलाबी धूप पिछली सर्दियों की…
कुछ ऐसी थी गुलाबी धूप पिछली सर्दियों की… …