सारंग: एक नयी काव्य विधा कवयित्री कहकर पुकार लो या कह लो मुझको शायरासीमा *से परे *हैं स्वप्न मेरे ख़्वाबों का ना कोई दायरा हैं शब्द मेरे, अस्तित्व मेराऔर काव्य शैली है छंदबद्धअल्फाज़ मेरे हैं हम-आहंगकहते ख़ुद की जद्दोजहद रस – सिक्त है अंतर्मन मेरासंगीत – कवित्त में *बहता हैसादगी भरा […]
नवरात्रि के नवरंग
नवरात्रि के नवरंग : नवरात्रि, अर्थात निर्माण, पोषण और अंततः विजय और विनाश का उत्सव ! रंग का उत्सव, राग का उत्सव, प्रेम और अनुराग का उत्सव ! पर, इन सबसे सर्वोपरि, स्त्रीत्व का उत्सव… योगमाया अर्थात सृष्टि के मूलतत्व का उत्सव, जो पुरुष और स्त्री दोनों ही तत्वों का उद्गम है ! अर्धनारीश्वर शिवतत्व […]
दो क़दम…
दो क़दम चली मैं..बस दो क़दम ही तो..और जी लिया एक समूचा जीवन बस दो डग भरकरजैसे वामन ने नाप ली थी समूची सृष्टि बस तीन पग में महाबलि का शीश न होता तो दो ही डग में नप गए थे धरती और आकाशमैं भी.. एक पाँव से घूमी चकरघिन्नी सी अपनी धुरी, अपने अक्ष […]
आज भी हिंदी.
समय की भीत पर अंकित सुनहरी रीत थी हिंदीरहीम और तुलसी ने गाया, मधुर वो गीत थी हिंदीकई नदियों के संगम से महानद जो हुई उद्भुतवो तत्सम, तद्भव की देशज-विदेशज प्रीत थी हिंदीपवन-मंदार के झोंकों सी बहना चाहे झर-झर, परशिशिर है आज, ठिठुरी कांपती है आज भी हिंदी! चली जब शुष्क पछुआई, पुरानी रीति धुंधलाईबची […]
अलविदा वीरांगना ..!
अलविदा वीरांगना ! नाम : Bambi Mishraजन्म : 10 मार्च, 2011महाप्रयाण: 26 अक्टूबर, 2021उम्र : अनंत काल दस साल पहले जब वो हमारे घर आई, काली रुई की गोले जैसी, जैसे घुमड़ते बादलों का एक […]
अब भी बाक़ी है : एक ग़ज़ल
उम्मीद अब भी बाकी है … मेरी, वो चाँद- तारों की ख़रीद, अब भी बाक़ी है कि, आँखों में शफ़क़ की एक दीद अब भी बाक़ी है सियाह रातों को जब दिखें फ़लक़ पे चाँद बिन तारे समझ लेना अमावस बाद, ईद अब भी *बाक़ी है मुकम्मल दास्तां कहकर, अधूरी ज़िन्दगी जी ली मगर […]
काली सड़क पर…
उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत करीब है! इसे घटते हुए देखते मैं बड़ी हुई | इसके पात्रों की व्यथा मैं भी जीती रही, चुप-चाप | कहानी कहनी नहीं आती […]
रंग बदलना आ गया : एक ग़ज़ल
*** मौसमों के साथ लोगों को बदलना आ गया आँधियों के बीच हमको भी संभलना आ गया *** ‘गर उफनती है नदी तो बादलों का क्या कसूर देख धरती की तपिश उनको पिघलना आ गया *** जल के मर मिटते पतंगे देखकर शमा को भी ख़ाक में ख़ुद को मिलाकर इश्क़ करना आ गया *** […]
राग मल्हार..?? : A Deibhidhe Poem in Hindi
Deibhidhes is an approximation of the Irish Gaelic poetry form. The actual form needs quatrains made up of lines of only seven syllables each where the last stressed syllable of the first line rhymes with the last unstressed syllable of the second line , and the same pattern to be repeated in the third and fourth lines , with the additional requirement of two alliterative rhyming words in the middle of the third and fourth lines. No restriction on total length of the poem. It’s a Hindi version of Irish Gaelic Deibhidhe Poem.
कोयल …
कोयल अमराई में एक कोयल जो कूकी अभी-अभी जीवन जीने का मन हुआ दुबारा .फिर से, अपनी सी लगती है जबसे मिली है मुझसे मन में उठा विचार अभी ये प्यारा फिर से | * आँखों में रचती हूँ जिसको बड़े जतन से तन उसका बिलकुल वैसा ही कजरारा सा, सुनकर उसके गीत.गुनगुना उठता है […]
कैसे गाऊँ गीत सुरीले ?
कैसे गाऊँ गीत सुरीले..? सब कहते हैं मन बहला लो कविता रच डालो, कुछ गा लो, पर, सुर फीके, शब्द हैं गीले कैसे गाऊँ गीत सुरीले…? * जब असंख्य नैनों से बहकर नदियां सागर में मिल जातीं, और हवा बन अग्निशलाका जल उठती, विध्वंस मचाती, सुरसा* मुँह खोले बैठी है, आँख झपकते सब कुछ लीले […]
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ..
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ.. स्त्री है वो ! स्वयं में शक्ति ! उसे किसी की आवश्यकता नहीं । आज उसकी अवहेलना कर भी दी तो क्या अंतर पड़ेगा ? कल जब हमें उसकी आवश्यकता होगी, वो अपनी सारी उपेक्षाएँ भूल जाएगी ! भूलना ही होगा! स्त्री जो है ! कोई […]
बसंत बहार : ऋतुरंग कविता
बसंत बहार बसंत बहार गेंदा, गुलाब, जूही, बगिया में मेरे महके, पाहुन बसंत आया उपवन में भूले-भटके | पतझड के अंगना में बहार रंग भरती, हर हरित दूर्बा संग लावण्या हुई धरती | कुंजों में कूकती है कोयल निरी मतवारी, ‘हिन्डोल राग’ गूँजे हर शाख, हर कियारी | कलियों को चूम, धीमे भँवरा करे गुंजार, […]
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे…
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. प्रश्न लिए अस्तित्व का जोछोड़ आए घर-चौबारे,पहुँचा वो आंदोलन अबमंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे | जिन कन्धों पर हल थे कलअब जबरन बैठी लाठी,हमने कभी ना देखी ऐसीकृषकों की कद-काठी | संशय में है देश पड़ा,अब पर्दे में है सब कुछ,सच के सौ-सौ चेहरे देखेफिरभी […]
ANHAD NAAD (अनहद-नाद): The Primordial Sound
ANHAD NAAD अनहद-नाद ANHAD NAAD नभ में उड़ते बादल जो नीले से दिखते हैंया सागर में अनगिन नीली लहरें उठती हैंनीलापन भ्रम, ज्यों मरुछाया जल विहीन हैनीलवर्ण बस गगन, शेष सब रंगहीन हैंविस्तृत नभ जो श्वेत से नीलाभ हुआ जाता है,अपनी प्रतिच्छाया से सबको ही रंगता जाता है | होकर भी निर्बाध, नहीं अस्तित्व है जिसकाहै […]
Hindi Poetry, Down the Memory Lane
Hindi Poetry Is Not Dead कल जो अलफ़ाज़ समेटे थे, कुछ पुराने से,आज अख़बारों की रद्दी में वही गुम से हैं ! चंद लफ़्ज़ों में हम जो ख़्वाब बुना करते थे,आज एहसास वही जाने क्यों गुमसुम से हैं ! ********* Circa late 1980s and early 90s… when many of my Hindi poems used to be […]
New Year: The Commotion of Celebration
What’s NEW about a new year? Isn’t it merely a completion of the earth’s gyration in its orbital? How is the 1st of January different from the day before or the day after? The earth rotates around the Sun for all 365 days and everyday it completes a cycle or a year (if we count […]
शीत के गीत : ऋतुरंग कविता
“शीत के गीत” सूरज भी अलसाया है आजमेरे संग उठा दुपहरी,कोहरे की चादर पर खींचेवो लकीरें चन्द सुनहरी | कानों में सरगम के बदलेपछवईया गाती सन-सन,सर्दी हुई बिल्ली, देख उसेकाँपे ये खरगोशी मन | पाले की मार पड़ी ऐसीबगिया पर गिर गयी गाज,हरियाली धूमिल हुई देखकवि-मन-मयूर हुआ बाज | मेरी चाय की प्याली थर्रातीउबली थी, […]
#FarmersProtest : ‘जय किसान’ VS ‘नमो-नमः’
#FarmersProtest …for some, it’s breaking news and for some, a trending hashtag on social media. However, there are some for whom it’s a regular mayhem caused by some trivial mortals to ruin their status quo ante. Who cares about those fissured heels and palms growing grains for our feasts. And they say…”किसानों का भ्रम दूर […]
ऐ गुलाब !… A Roseate Sonnet in Urdu/Hindi
ऐ गुलाब (O, Rose )… A Roseate Sonnet written in Urdu/ Hindi and translated into English, a classic sonnet which is fashioned into Persian ‘Rubaiyat or Rubaiyaan‘! To know about both of these poetic forms, must read the epilogue below this post. Also, look for the glossary for tough Urdu words. ऐ गुलाब ऐ गुलाबऐ गुलाब […]