कवयित्री या शायरा: सारंग, एक नयी काव्य विधा
सारंग: एक नयी काव्य विधा कवयित्री कहकर पुकार लो या कह लो मुझको शायरासीमा *से परे *हैं स्वप्न मेरे ख़्वाबों का ना कोई दायरा हैं शब्द…
Ganga: The Candescent Flow…
Ganga: The Eternal Saga The land was barren, filled with the ashes of the YoreFor their souls’ salvation, the goddess was to be luredBhagirath atoned for many …
नवरात्रि के नवरंग
नवरात्रि के नवरंग : नवरात्रि, अर्थात निर्माण, पोषण और अंततः विजय और विनाश का उत्सव ! रंग का उत्सव, राग का उत्सव, प्रेम और अनुराग का उत्सव ! पर, इन…
आज भी हिंदी.
समय की भीत पर अंकित सुनहरी रीत थी हिंदीरहीम और तुलसी ने गाया, मधुर वो गीत थी हिंदीकई नदियों के संगम से महानद जो हुई उद्भुतवो तत्सम, तद्भव की देशज-विदेशज…
Time ‘s Cadence
Time leaves all behindon the sepia pages of bygone wynds What was saved from those burning infernoscomes out victorious from the ordeals of time. I held those classic fragments of the…
काली सड़क पर…
उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…
कैसे गाऊँ गीत सुरीले ?
कैसे गाऊँ गीत सुरीले..? सब कहते हैं मन बहला लो कविता रच डालो, कुछ गा लो, पर, सुर फीके, शब्द हैं गीले कैसे गाऊँ गीत सुरीले…? * जब असंख्य नैनों…
Covid 19 and The Last Kuru King : A Roseate Sonnet
# Covid 19 and The Last Kuru King : A Roseate Sonnet Adorning Kalki on his crown, he bore the sins of his progenitors, Insects were restricted in Parikshit’s abode,…
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ..
जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ.. स्त्री है वो ! स्वयं में शक्ति ! उसे किसी की आवश्यकता नहीं । आज उसकी अवहेलना कर भी दी तो…
Hindi Poetry, Down the Memory Lane
Hindi Poetry Is Not Dead कल जो अलफ़ाज़ समेटे थे, कुछ पुराने से,आज अख़बारों की रद्दी में वही गुम से हैं ! चंद लफ़्ज़ों में हम जो ख़्वाब बुना करते…
New Year: The Commotion of Celebration
What’s NEW about a new year? Isn’t it merely a completion of the earth’s gyration in its orbital? How is the 1st of January different from the day before or…
गुलाबी धूप पिछली सर्दियों की…
कुछ ऐसी थी गुलाबी धूप पिछली सर्दियों की… …
सितारों के बीच तुम कहीं तो हो…
मन स्याह अमावस मेरा फीके सभी तारे, उजाले ले गयी हो तुम पीछे हैं अँधेरे | दिए जलाके आँखों के बाती सी मैं जली, याद आ रही न जाने क्यों…
The Blasphemous Moon
So…. My loyal friend, The Moon was off duty and came back to me today after a hiatus two days long. Should I blame you, the beautiful ladies for shanghaiing…
ग्रीष्म गर्जना : ऋतुरंग कविता
ग्रीष्म गर्जना कोयल कूकी अमराई मेंगा रही मारवा राग,सूरज बन बैठा अग्निकुंडबरसाता है बस आग ! हो रहा गगन में अश्वमेघहै रश्मिरथी इस पार,सातो घोडों पर हो सवारचल पड़ा क्षितिज…