Tag Archives: spiritual poetry

बसंत

बसंत बहार बसंत बहार गेंदा, गुलाब, जूही, बगिया में मेरे महके, पाहुन बसंत आया उपवन में भूले-भटके | पतझड के अंगना में बहार रंग भरती, हर हरित दूर्बा संग लावण्या…

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Naam mera jal ki dhara कुछ आब

बस एक बार तुम कह देते मैं रीत सभी निभा लेती, जीवन के खाली पृष्ठों से अपने परिशिष्ट मिटा जाती, बस एक बार तुम कह देते… गाती नहीं गीत स्मृतियों के…

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radha krishna painting

मेरी यात्रा अविरल, हर पल मैं चली छोड़ ऐश्वर्य, महल मुड़कर देखा बस एक बार कुछ टूटा था, जो छूटा था मैं आहत थी और शब्दहीन, तुम मुखर बड़े और…

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