अब भी बाक़ी है : एक ग़ज़ल
उम्मीद अब भी बाकी है … मेरी, वो चाँद- तारों की ख़रीद, अब भी बाक़ी है कि, आँखों में शफ़क़ की एक दीद अब भी बाक़ी है सियाह रातों…
कुछ आब : एक ग़ज़ल
कुछ आब : एक ग़ज़लकुछ आब कुछ आब सजाकर आँखों में, महताब से बातें करते हैंसब बातें करते हैं लब से, हम ख़्वाब से बातें करते हैं वो तल्ख़ …
रंग बदलना आ गया : एक ग़ज़ल
*** मौसमों के साथ लोगों को बदलना आ गया आँधियों के बीच हमको भी संभलना आ गया *** ‘गर उफनती है नदी तो बादलों का क्या कसूर देख धरती की…
#FarmersProtest : ‘जय किसान’ VS ‘नमो-नमः’
#FarmersProtest …for some, it’s breaking news and for some, a trending hashtag on social media. However, there are some for whom it’s a regular mayhem caused by some trivial mortals…
ऐ गुलाब !… A Roseate Sonnet in Urdu/Hindi
ऐ गुलाब (O, Rose )… A Roseate Sonnet written in Urdu/ Hindi and translated into English, a classic sonnet which is fashioned into Persian ‘Rubaiyat or Rubaiyaan‘! To know about both…
Amorphous: A Ghazal
I see her always… but she becomes amorphous before I shape my words… Some laments are irreparable…. हर लफ्ज़ बेमानी मगर, ये ख़त कोई ख़ता नहीं,लिख तो दिया, भेजूँ कहाँ?…
ज़िन्दगी ही तो है : Ghazal
है उम्र क्या ? महज़ ये दिल्लगी ही तो है कुछ और है जीना, कि ज़िन्दगी ही तो है जलाये कुछ दिये, बुझाईं मोमबत्तियांआँखों में फिर भी एक तिश्नगी ही…
वो बात अब भी बाक़ी है : Ghazal
मेरे अलफ़ाज़ में अब भी वो ख़लिश बाक़ी है कि, उफ़ भी मैं करूँ, तो पिघलता है फ़लक डूबती शाम का अब भी वो पहर बाक़ी है आसमां में…