मेरे ख़याल : Ghazal
मेरे ख़याल मेरे ख़याल मेरे ख़यालों का ये सागर जो गहरा होता, लहरों तले भी तूफ़ां सा एक ठहरा होता | चिराग मैं जलाती यादों के हर घड़ी जो,…
मेरे ख़याल मेरे ख़याल मेरे ख़यालों का ये सागर जो गहरा होता, लहरों तले भी तूफ़ां सा एक ठहरा होता | चिराग मैं जलाती यादों के हर घड़ी जो,…