वो बात अब भी बाक़ी है : Ghazal
मेरे अलफ़ाज़ में अब भी वो ख़लिश बाक़ी है कि, उफ़ भी मैं करूँ, तो पिघलता है फ़लक डूबती शाम का अब भी वो पहर बाक़ी है आसमां में…
तलाश: Nazm
परत दर परत उधेड़ा खुद को, पंखुड़ियों की तरह तमाम हो गई ! काग़ज़ पे लिखे हर्फ़ों में ढूँढा ख़ुद को कहानी मेरी यूं ही सरेआम हो गई…
अब और नहीं : ग़ज़ल
बंज़र ज़मीं पे अब सुकून और नहीं थके थके से पाँव, नया दौर नहीं धूप में क्या छाँव की करूँ ख़्वाहिश हर शय है रेत-रेत, कहीं ठौर नहीं …
कविता कहूँ या नज़्म ?
कविता मैंने धीमे से कुछ कहा सरसराती पत्तियों से, मेरे शब्द, अपर्याप्त.. ध्वनि रहित, बस शब्द ही थे कुछ क्षीण.. कुछ मधुर, कुछ उन्नींदे, कुछ क्षणभंगुर पर, नींदें उड़ गयीं…
एक शिकायत: Ghazal
हर सितम हम सह गए, पर सिसकियों की भी इजाज़त ना मिली, अश्कों का दरिया मिला, दामन भिगोने की नज़ाकत ना मिली | आज हर चेहरा यहाँ ओढ़े…
तमाम रात : Ghazal
सुबह के इंतज़ार में, गुज़री तमाम रात आँखों-ही-आँखो में यूँ कटी तमाम रात दर-ओ-दीवार कुछ यूं, रौशन थे कल मेरे शमा की तरह खुद मैं, जली तमाम रात महफ़िल में …
गुमराह: Ghazal
I have written this Hindi poem after a long gap. When the pain is inevitable, my feelings get intense and expressions commemorate in a way, that’s obviously Hindi poetry. कुछ…
रात की स्याही
बोझिल शामें, ऊंघती रातें, ख्वाहिशें बरसतीं हैं आहत आँखों की साज़िश से साँसें बहकतीं हैं कतरा-कतरा होकर मेरी आवाज़ बिखरती है, मुझसे ही होकर रात, हर रात गुज़रती है, फ़िर…
फ़ना के बाद: Ghazal
अश्क-ए-सागर में डूबने से ज़रा शोर तो होगा, मेरी इस ख़ुदकुशी पे रोया कोई और तो होगा | रास्ते सुनसान हैं, मेरी मंज़िल भी दूर है, सांस लेने को बियाबां …
हसरतें: Ghazal
कम-से-कम हम्हीं से उन्हें कुछ गिला तो है शुक्र है कि आज, कोई ग़ुल खिला तो है इस तरफ हवा का रुख़ नहीं तो क्या हुआ एक ही सही, …
मंज़िलें: Ghazal
वक़्त ने करवट बदली और आईने बदल गए, चेहरे के शिकन के संग सारे पैमाने बदल गए | कुछ इस तरह से रात भर हम लिखते रह गए, कि सुबह…
ख़्वाहिशें: Ghazal
ख़्वाहिशें कहना है बहुत कुछ मगर, आग़ाज़ ना मिला, पंख हैं अब भी, तो क्या, परवाज़ ना मिला | बिखरे हुए सरगम मैं सजाती रही ताउम्र, सुर सजे ही …
दिल कहता है…
दिल कहता है सितारों को मुट्ठी में भर लूँ, दिल कहता है कि चाँद को सिरहाने रख लूँ | दिल कहता है बर्फीली वादियों में ग़ुम जाऊँ, एहसासों की गर्मी…