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Anhad Naad

ANHAD NAAD अनहद-नाद  ANHAD NAAD  नभ में उड़ते बादल जो नीले से दिखते हैंया सागर में अनगिन नीली लहरें उठती हैंनीलापन भ्रम, ज्यों मरुछाया जल विहीन हैनीलवर्ण बस गगन, शेष सब…

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सावन और संगीत -Sawan aur Sangeet

सावन की प्रथम फुहारों संगजब  गूँजी  फिर  स्वर-लहरीघन  के उदात्त  परों  में छिपहुई  मय  सी  स्याह  दुपहरी श्रावण ऋतु भयी ऐसी बैरनमैं * गाऊँ कैसे कजरी ?आँखों में घन…

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