Tag Archives: Basant Bahar

बसंत

बसंत बहार बसंत बहार गेंदा, गुलाब, जूही, बगिया में मेरे महके, पाहुन बसंत आया उपवन में भूले-भटके | पतझड के अंगना में बहार रंग भरती, हर हरित दूर्बा संग लावण्या…

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सावन और संगीत -Sawan aur Sangeet

सावन की प्रथम फुहारों संगजब  गूँजी  फिर  स्वर-लहरीघन  के उदात्त  परों  में छिपहुई  मय  सी  स्याह  दुपहरी श्रावण ऋतु भयी ऐसी बैरनमैं * गाऊँ कैसे कजरी ?आँखों में घन…

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