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सावन और संगीत -Sawan aur Sangeet

सावन की प्रथम फुहारों संगजब  गूँजी  फिर  स्वर-लहरीघन  के उदात्त  परों  में छिपहुई  मय  सी  स्याह  दुपहरी श्रावण ऋतु भयी ऐसी बैरनमैं * गाऊँ कैसे कजरी ?आँखों में घन…

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प्रश्नचिन्ह

झर-झर नयनों से नीर बहे… जब दिवास्वप्न सब होम हुए उर में बस विरह के राग रचे अवशेष छुपा कर आँचल में मुख मलिन, कहाँ श्रृंगार सजे? झर-झर नयनों…

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radha krishna रंग

कुछ रंग रचे हैं आँखों में कुछ सजे तरंग से श्वासों में, तुमसे मन रंग किया श्रृंगार, फिर क्यों बहती है अश्रुधार? नीलाभ, हरित, रक्तिम, स्वर्णिम, हर रंग सजे तुमपर…

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Naam mera jal ki dhara कुछ आब

बस एक बार तुम कह देते मैं रीत सभी निभा लेती, जीवन के खाली पृष्ठों से अपने परिशिष्ट मिटा जाती, बस एक बार तुम कह देते… गाती नहीं गीत स्मृतियों के…

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Music!

Music has the power to vanquish all, be it good or bad! It adds to more happiness when you’re cheerful, similarly, melts the solidity of grief with its warmth and healing…

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o life, ऐ ज़िन्दगी अजनबी ! ज़िन्दगी ही तो है

ऐ अजनबी ! आँख में आँख डाल टकटकी बांधे जो देखा तुझे ऐ ज़िन्दगी, अजनबी सी क्यों लगे तू मुझे? मुट्ठी में बंद रेत सी जो फिसलकर गुज़र गयी, बांधनी…

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