Tag Archives: Kaavya

दो क़दम Manikarnika

दो क़दम चली मैं..बस दो क़दम ही तो..और जी लिया एक समूचा जीवन बस दो डग भरकरजैसे वामन ने नाप ली थी समूची सृष्टि बस तीन पग में महाबलि का…

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उस सघन काली सड़क पर...

उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…

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शीत के गीत

“शीत के गीत”  सूरज भी अलसाया है आजमेरे  संग  उठा  दुपहरी,कोहरे की चादर पर खींचेवो लकीरें चन्द सुनहरी | कानों में सरगम के बदलेपछवईया गाती सन-सन,सर्दी हुई बिल्ली, देख उसेकाँपे…

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