Tag Archives: Sangeet

लता

लता को क्या गाऊँ, क्या लिखूँ ? माँ नहीं थीं वो. न दीदी, ना ताई…ना कोई देवी ! बस लता. कैसे बाँध दूँ बहती स्वरधारा को इन छोटे-छोटे रिश्तों में…

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उस सघन काली सड़क पर...

उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…

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Anhad Naad

ANHAD NAAD अनहद-नाद  ANHAD NAAD  नभ में उड़ते बादल जो नीले से दिखते हैंया सागर में अनगिन नीली लहरें उठती हैंनीलापन भ्रम, ज्यों मरुछाया जल विहीन हैनीलवर्ण बस गगन, शेष सब…

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