कवयित्री या शायरा: सारंग, एक नयी काव्य विधा
सारंग: एक नयी काव्य विधा कवयित्री कहकर पुकार लो या कह लो मुझको शायरासीमा *से परे *हैं स्वप्न मेरे ख़्वाबों का ना कोई दायरा हैं शब्द…
नवरात्रि के नवरंग
नवरात्रि के नवरंग : नवरात्रि, अर्थात निर्माण, पोषण और अंततः विजय और विनाश का उत्सव ! रंग का उत्सव, राग का उत्सव, प्रेम और अनुराग का उत्सव ! पर, इन…
LIGHT IT UP BLUE: Autism Awareness Day
A Rose is a Rose is a Rose is a Rosewhether it’s red, pink, or blueGod made us in shades of VIBGYORand told us to live those hues. The azure…
लता को क्या गाऊँ, क्या लिखूँ ?
लता को क्या गाऊँ, क्या लिखूँ ? माँ नहीं थीं वो. न दीदी, ना ताई…ना कोई देवी ! बस लता. कैसे बाँध दूँ बहती स्वरधारा को इन छोटे-छोटे रिश्तों में…
काली सड़क पर…
उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…
RAAG LAYS IN ROSE : A Roseate Sonnet
RAAG LAYS IN ROSE Running the gamut, Raag aired his longing clandestine, Agreeable was Ragini, his love and concubine. Arcane was their love, though opened up like pea-pods, Gliding with…