Tag Archives: Ashaar

Naam mera jal ki dhara कुछ आब

कुछ आब : एक ग़ज़लकुछ आब कुछ आब सजाकर आँखों में, महताब से बातें करते हैंसब बातें करते हैं लब से, हम ख़्वाब से बातें करते हैं वो तल्ख़ …

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Ganga

*** मौसमों के साथ लोगों को बदलना आ गया आँधियों के बीच हमको भी संभलना आ गया *** ‘गर उफनती है नदी तो बादलों का क्या कसूर देख धरती की…

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Amorphous Pigeon, The Style Symphony

I see her always… but she becomes amorphous before I shape my words… Some laments are irreparable…. हर लफ्ज़ बेमानी मगर, ये ख़त कोई ख़ता नहीं,लिख तो दिया, भेजूँ कहाँ?…

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ज़िन्दगी ही तो है

है उम्र क्या ? महज़ ये दिल्लगी ही तो है कुछ और है जीना, कि ज़िन्दगी ही तो है जलाये कुछ दिये, बुझाईं मोमबत्तियांआँखों में फिर भी एक तिश्नगी ही…

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