सितारों के बीच तुम कहीं तो हो…
मन स्याह अमावस मेरा फीके सभी तारे, उजाले ले गयी हो तुम पीछे हैं अँधेरे | दिए जलाके आँखों के बाती सी मैं जली, याद आ रही न जाने क्यों…
ज़िन्दगी ही तो है : Ghazal
है उम्र क्या ? महज़ ये दिल्लगी ही तो है कुछ और है जीना, कि ज़िन्दगी ही तो है जलाये कुछ दिये, बुझाईं मोमबत्तियांआँखों में फिर भी एक तिश्नगी ही…
वो लड़की महकी महकी सी: Happy Birthday, Sunshine
It’s August, the 1st, and I wish you Happy Birthday with verses as effervescent as you… ??? रुख हवाओं का वो एक पल मोड़ देचाहे तो पानी से पत्थर तोड़…
ग्रीष्म गर्जना : ऋतुरंग कविता
ग्रीष्म गर्जना कोयल कूकी अमराई मेंगा रही मारवा राग,सूरज बन बैठा अग्निकुंडबरसाता है बस आग ! हो रहा गगन में अश्वमेघहै रश्मिरथी इस पार,सातो घोडों पर हो सवारचल पड़ा क्षितिज…
वो बात अब भी बाक़ी है : Ghazal
मेरे अलफ़ाज़ में अब भी वो ख़लिश बाक़ी है कि, उफ़ भी मैं करूँ, तो पिघलता है फ़लक डूबती शाम का अब भी वो पहर बाक़ी है आसमां में…
यात्रा (Yatra)
मेरी यात्रा अविरल, हर पल मैं चली छोड़ ऐश्वर्य, महल मुड़कर देखा बस एक बार कुछ टूटा था, जो छूटा था मैं आहत थी और शब्दहीन, तुम मुखर बड़े और…