Tag Archives: Hindi Diwas

दो क़दम Manikarnika

दो क़दम चली मैं..बस दो क़दम ही तो..और जी लिया एक समूचा जीवन बस दो डग भरकरजैसे वामन ने नाप ली थी समूची सृष्टि बस तीन पग में महाबलि का…

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आज भी हिंदी Hindi poetry

समय की भीत पर अंकित सुनहरी रीत थी हिंदीरहीम और तुलसी ने गाया, मधुर वो गीत थी हिंदीकई नदियों के संगम से महानद जो हुई उद्भुतवो तत्सम, तद्भव की देशज-विदेशज…

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उस सघन काली सड़क पर...

उस काली सड़क पर… मैं कहानियाँ सुनाने में अच्छी नहीं | बड़ी ही बोझिल हो जाती है कहानी मेरी कलम से निकालकर .. पर ये कहानी मेरे मन के बहुत…

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कोयल

कोयल अमराई में एक कोयल जो कूकी अभी-अभी जीवन जीने का मन हुआ दुबारा .फिर से, अपनी सी लगती है जबसे मिली है मुझसे मन में उठा विचार अभी ये…

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कैसे गाऊँ गीत सुरीले..

कैसे गाऊँ गीत सुरीले..? सब कहते हैं मन बहला लो कविता रच डालो, कुछ गा लो, पर, सुर फीके, शब्द हैं गीले कैसे गाऊँ गीत सुरीले…? * जब असंख्य नैनों…

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जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ..

जब कोई नही होता तो बस मैं होती हूँ.. स्त्री है वो ! स्वयं में शक्ति ! उसे किसी की आवश्यकता नहीं । आज उसकी अवहेलना कर भी दी तो…

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बसंत

बसंत बहार बसंत बहार गेंदा, गुलाब, जूही, बगिया में मेरे महके, पाहुन बसंत आया उपवन में भूले-भटके | पतझड के अंगना में बहार रंग भरती, हर हरित दूर्बा संग लावण्या…

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बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे

बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे.. प्रश्न लिए अस्तित्व का जोछोड़ आए घर-चौबारे,पहुँचा वो आंदोलन अबमंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे | जिन कन्धों पर हल थे…

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आज भी हिंदी Hindi poetry

Hindi Poetry Is Not Dead कल जो अलफ़ाज़ समेटे थे, कुछ पुराने से,आज अख़बारों की रद्दी में वही गुम से हैं ! चंद लफ़्ज़ों में हम जो ख़्वाब बुना करते…

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